Menu
blogid : 5736 postid : 94

पैसे की माया से दूर ही रहें संत

जागरण मेहमान कोना
जागरण मेहमान कोना
  • 1877 Posts
  • 341 Comments

Anjali Sinhaसत्य साई बाबा की मृत्यु के लगभग पौने दो माह बाद उनका निजी कमरा खोला गया। उनके कमरे से 96 किलो सोना, 307 किलो चांदी, बड़ी मात्रा में हीरे-जवाहरात और 11.56 करोड़ रुपये नकद मिले। तीन-तीन मशीनें लगाई गई, तब कहीं जाकर नोटों की गिनती पूरी हो सकी। कहा जा रहा है कि विदेशी मुद्रा भी बरामद हुई। वैसे उनकी संपत्ति पहले ही अनुमानत: 40 हजार करोड़ की आंकी गई थी। एक सीमित मात्रा से अधिक विदेशी मुद्रा अपने पास रखने पर मुकदमा कायम होता है। मृतकों पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं होती। स्पष्ट है कि जीते जी अगर उनके पास एकत्रित इस अकूत संपत्ति का खुलासा होता तो उन पर भी मुकदमा चलता। सत्य साई बाबा की जब भी चर्चा चलती है तो उनके द्वारा शुरू किए तमाम जनकल्याण के कार्यो की अवश्य चर्चा होती है। हम अंदाजा ही लगा सकते हैं कि यजुर मंदिर, जो उनका निजी कक्ष था, जहां से यह संपत्ति बरामद हुई है, वह अगर किसी रचनात्मक काम में लगी रहती तो कितने जरूरतमंदों की मदद होती।


यह पूछे जाने की जरूरत है कि दुनिया भर के अपने शिष्यों को मोहमाया से मुक्ति का प्रवचन देने वाले बाबा के पास इतनी अकूत दौलत कहां से एकत्रित हुई? किन काला बाजारियों, अवैध या गैरकानूनी काम में लिप्त लोगों या किन बड़े सियासतदानों ने उन्हें इतनी संपत्ति दी और किसलिए दी। क्या वह भी काले धन को सफेद धन कराने का काम करते थे, जैसे कि कई साधु-संत किया करते हैं। याद रहे कि चार साल पहले देश के अग्रणी साधु-संतों पर किए गए एक स्टिंग आपरेशन में यह बात स्पष्टता के साथ उजागर हुई थी कि वे काले धन को सफेद धन करने में लिप्त हैं और इसे बखूबी अंजाम देने के लिए उन्होंने फर्जी ट्रस्टों का भी गठन किया है।


बता दें कि सत्य साई बाबा अपनी जिंदगी में जिन तीन विवादों में हमेशा घिरे रहे, उनमें उनके चमत्कारों के किस्सों या बाल यौन अत्याचार के उन पर लगे आरोपों की बात अवश्य होती है। बीबीसी ने तो ऐसे पीडि़तों को लेकर एक डाक्युमेंट्री भी बनाई थी और प्रदर्शित की थी, लेकिन संपत्ति से जुड़े विवाद की बहुत कम बात होती है। मगर साई बाबा ही क्यों, इन दिनों चर्चित किसी भी गॉडमेन या गॉडवुमेन पर नजर दौड़ाइए या फिर बीते दिनों की किसी विभूति को देखें, वे अथाह एवं अकूत संपत्ति के मालिक मिलेंगे। महेश प्रसाद वर्मा के नाम से जबलपुर में जन्मे और बाद में महेश योगी के नाम से दुनिया भर में विख्यात हुए योगी का जब 2008 में देहांत हुआ, तब बिजनेस में लगी उनकी संपत्ति 2 से 5 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। माता अमृतानंदमयी इस देश की सबसे संपन्न गॉडवुमन कही जा सकती हैं। एक मोटे आकलन के हिसाब से वह जिस अमृतानंदमयी ट्रस्ट की मुखिया हैं, उसके पास 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। कहा जाता है उनके पास एकत्रित धन देश-विदेश में फैले उनके शिष्यों के दान से तथा ट्रस्ट द्वारा शुरू किए गए स्कूलों एवं अस्पतालों की कमाई से आता है।


आर्ट आफ लीविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर भी संसाधनों एवं संपत्ति के मामले में कहीं से कम नहीं हैं। पिछले साल अप्रवासी भारतीय पी पॉल ने रविशंकर के ट्रस्ट पर जमीन कब्जे का आरोप लगाया। पॉल के मुताबिक उनके ट्रस्ट ने उस 15 एकड़ जमीन पर कब्जा किया, जिसकी जनरल पॉवर ऑफ अटॉर्नी उनके पास है। संत आसाराम बापू आजकल के संतों में सबसे विवादास्पद समझे जाते हैं। देश-विदेश में उनके 350 आश्रम हैं और वे 17,000 बाल संस्कार केंद्रों का संचालन करते हैं। आश्रम द्वारा निर्मित पूजा सामग्री, सीडी तथा अन्य साहित्य से भी आश्रम की कमाई होती है। वैसे अपने आश्रमों के लिए लोगों की जमीनों पर कब्जा करने को लेकर कई राज्य सरकारों ने उनके आश्रमों को नोटिस भी दिए हैं। उनके आश्रमों में संचालित विवादास्पद गतिविधियों की भी बात होती है। कुछ साल पहले अहमदाबाद स्थित उनके आश्रम में अध्ययनरत दो बच्चों की अस्वाभाविक मृत्यु हुई थी, जिसे लेकर बड़ा विवाद चला था। उसी समय उनके मध्य प्रदेश स्थित आश्रम में ही ऐसी ही अस्वाभाविक मौत की खबर सुर्खियां बनी थीं। बहरहाल, यह विचार करने लायक है कि इतनी बड़ी राशि किसी नेता के घर मिला होता तो कितनी गालियां उसे पड़ती और टीवी चैनलों के लिए तो कई दिनों का मसाला मिल जाता, मगर क्या करें धर्म-क्षेत्र का पेट बहुत बड़ा है, सबकुछ पचा लेता है।



लेखिका अंजलि सिन्हा एक़ सामाजिक कार्यकर्ता हैं


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh