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लश्करे तैयबा के सरगना और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर अमेरिका की इनाम की घोषणा और फिर सईद की अमेरिका को दी गई खुली चुनौती उसकी सीनाजोरी को दर्शाता है। हाफिज का यह कहना कि वह किसी गुफा में नहीं रह रहा है और वह खुलेआम जीवन जी रहा है, दुनिया को डराने वाली बात है। एक मीडिया रिपोर्ट में तो उसने यहां तक कह दिया है कि अमेरिका जब चाहे उससे संपर्क कर सकता है। सईद का यह कहना कि अमेरिका भारत के इशारे पर काम कर रहा है, यह भारत के लिए कुछ ज्यादा ही खतरनाक है। सईद ने इससे पहले कहा था कि अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि वह अफगानिस्तान के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन के आपूर्ति मार्ग खोले जाने के खिलाफ रैलियां कर रहा है। अमेरिका रिवार्ड्स फॉर जस्टिस कार्यक्रम के तहत सईद के बारे में सूचना पर एक करोड़ और हाफिज अब्दुल रहमान मक्की के बारे में सूचना देने पर 20 लाख डॉलर इनाम की घोषणा की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह प्रतिबंधित संगठन लश्करे तैयबा के हाफिज सईद की गिरफ्तारी के मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार के संपर्क में है और गिरफ्तारी के लिए इनाम पूरी तरह मुंबई धमाकों से संबंधित है।
मंत्रालय की प्रवक्ता वोक्टोरिया नूलैंड ने मुंबई हमले के तीन साल बाद सईद की गिरफ्तारी पर इनाम रखने के बाबत कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को बता दिया है कि उसकी विशेष जिम्मेदारी है। इसलिए पाकिस्तान पूरे मामले की जांच करे और दोषियों को सजा दिलाए। वहीं पाकिस्तान ने भी वादा किया है कि वह अपनी प्रतिबद्धताएं निभाएगा। भारत आरोप लगाता रहा है कि हाफिज सईद 26/11 हमले का मास्टरमाइंड है। वर्ष 2008 में हुए इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। खास बात यह है कि हाफिज सईद पर इनाम घोषित करने पर पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने कहा कि हमें इस मामले में अभी तक औपचारिक तौर पर सूचित नहीं किया गया है। यदि यह खबर सही है तो इस संबंध में अमेरिका से बात होगी। मलिक के अनुसार, अमेरिका से पूछा जाएगा कि आखिर किस आधार पर सईद की गिरफ्तारी के लिए इनाम रखा है।
वाकई यह बड़ा सवाल है कि करीब चार साल बाद सईद की गिरफ्तारी पर इनाम की घोषणा क्यों की गई। इस संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्रालय मानता है कि तमाम प्रयासों के बावजूद इतने दिनों बाद भी हाफिज सईद पकड़ में नहीं आ सका। इनाम की राशि घोषित करने से हो सकता है कि वह आसानी से पकड़ में आ जाए। कई बार किसी घटना के एकदम बाद इनाम की घोषणा हो जाती है और कई बार कुछ देर बाद होती है। सभी को पता है कि यह शख्स टीवी पर नजर आता है और निर्भीक होकर बोलता है। इस मामले का संबंध नाटो से नहीं, बल्कि पूरी तरह से मुंबई धमाकों से है। उधर, इनाम घोषित होने के बाद पाकिस्तान ने हाफिज सईद की सुरक्षा बढ़ा दी है। सरकार ने हाफिज के जौहर गांव स्थित उसके घर के बाहर पंजाब पुलिस के 9 कर्मचारी तैनात कर दिए हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जब सईद घर में नजरबंद था, तब भी उसकी सुरक्षा के लिए 60 पुलिसकर्मी लगाए गए थे, जबकि जमात के नेता कहते हैं कि पाक सरकार से सईद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग नहीं की गई थी। हमें अपनी सुरक्षा पर भरोसा है।
अमेरिका के कदम के बाद हाफिज की सुरक्षा में अतिरिक्त स्वयंसेवक लगा दिए गए हैं। पुलिस के 9 जवान बैरिकेड की सुरक्षा में लगे हैं, जबकि आधुनिक हथियारों से लैस जमात के स्वयंसेवक घर के अंदर की सुरक्षा में लगे हैं। सईद के घर में रहने वाले परिवार के सदस्यों का रिकॉर्ड तैयार किया गया है। जब भी कोई व्यक्ति घर में घुसेगा जमात के स्वंयसेवक उसकी बॉडी की जांच करेंगे। इस तरह यह भी कह सकते हैं कि हाफिज सईद भले भारत और अमेरिका की नजर में आतंकवादी हो, लेकिन पाकिस्तानी सरकार को उससे हमदर्दी है। बहरहाल, इनाम की घोषणा के बाद सईद ने जिस तरह अमेरिका को ललकारा है, वह आने वाले दिनों में किसी आतंकी साजिश का संकेत हो सकता है। जाहिर है, यह सिर्फ अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ एकजुट किसी भी देश के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में हाफिज सईद का भी हश्र अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन जैसा ही होना चाहिए।
इस आलेख के लेखक राजीव रंजन तिवारी हैं
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