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जरा ऐसी सड़क की कल्पना कीजिए जो अंधेरे में अपने आप चमक उठे, आपकी इलेक्टि्रक कार को चार्ज कर दे और आपको मौसम के बारे में सचेत कर दे। यह भविष्य के स्मार्ट हाइवे की एक झलक है। हालैंड के इंजीनियर और डिजाइनर सड़क में इस तरह की विशेषताएं जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अगले साल हालैंड की एक सड़क के कुछ हिस्से पर इन खूबियों का प्रदर्शन किया जाएगा और यदि यह प्रयोग सफल रहा तो यूरोप के दूसरे हिस्सों में इसका विस्तार किया जाएगा। आखिर सड़कों को इतना स्मार्ट बनाने की जरूरत क्यों हैं, खासकर ऐसे वक्त जब दुनिया कारों और दूसरे सड़क वाहनों को हाई-टेक कर रही है? इसके जवाब में हालैंड के स्टूडियो रोसेगार्दे की प्रमुख डिजाइनर एमिना सेंडीजार्विच का कहना है कि कार के बजाय सड़क पर ध्यान केंद्रित कर के हम उन लोगों को स्मार्ट ड्राइविंग का अनुभव कराना चाहते हैं, जो आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त कारें खरीद पाने में असमर्थ हैं। स्टूडियो रोसेगार्दे के संस्थापक डान रोसेगार्दे का मानना है कि यह सिर्फ सड़कों के लिए नए उपकरणों को प्रदर्शित करने का माध्यम नहीं है।
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हम सड़कों को स्मार्ट बना कर न सिर्फ सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देना चाहते हैं, बल्कि उन्हें ऊर्जा की खपत की दृष्टि से ज्यादा किफायती भी बनाना चाहते हैं। स्मार्ट सड़क का नाम भविष्य का रूट 66 रखा गया है। इस सड़क को एक ऐसे पेंट से पोता जाएगा, जो मौसम की परिस्थितियों के हिसाब से रंग बदलेगा। मसलन रास्ते में बर्फ गिरने की आशंका पर सड़क पर बर्फ के प्रतीक चिह्न अपने आप दिखने लगेंगे। इसी तरह ड्राइवर को रास्ते में हुई किसी दुर्घटना के बारे में पहले ही सावधान कर दिया जाएगा। राजमार्गो की रोशनी में ऊर्जा की खपत कम करना और उसका बेहतर इस्तेमाल करना इस स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट का मुख्य हिस्सा है। रात में चमकने वाली सड़क के हिस्सों को दिन में चार्ज किया जा सकता है। इस तरह ऊर्जा की बचत की जा सकती है। डच प्रयोगशाला के रिसर्चर यह भी चाहते हैं कि सड़क पर कारें नहीं होने पर लाइट अपने आप बंद हो जाए। रिसर्चरों का इरादा सड़क के एक हिस्से को विशाल इलेक्टि्रक चार्जर में भी बदलने का है। सेंडीजार्विच के अनुसार सड़क के नीचे चुंबकीय क्षेत्र बिछा कर भूमिगत चार्जर बनाया जाएगा। इससे इलेक्टि्रक कारों को चार्ज किया जा सकेगा। एक तरफ जहां रिसर्चर सड़कों को स्मार्ट बनाने में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ कारों को ड्राइवर-रहित बनाने के लिए नवीनतम उपकरणों और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यूरोप में इंटेल की प्रयोगशाला में एक इंटेल-आधारित स्मार्ट कार सिस्टम तैयार किया गया है। इसमें कार की ड्राइविंग, दिशानिर्देशन और मनोरंजन के सॉफ्टवेयर शामिल हैं। कार को ड्राइवर रहित बनाना वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इंटेल के रिसर्चरों को उम्मीद है कि वे छोटे और ऊर्जा की बचत करने वाले मल्टी-कोर या अधिक प्रोससर वाली चिप के उपयोग से कारों को ज्यादा बुद्धिमान बना सकते हैं। अभी इस तरह के चिपों पर रिसर्च चल रही है। ऑटो इंडस्ट्री को ऐसे चिपों के लिए अभी कई वर्ष इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल एक अत्याधुनिक कार में सिंगल कोर चिपों की संख्या 100 से अधिक हो सकती है।
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इतनी ज्यादा चिपें होने पर ऑनबोर्ड कंप्यूटर सिस्टम न सिर्फ जटिल हो रहा हैं, बल्कि उनका आकार भी बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति में कार-निर्माताओं के लिए कार में नए फंक्शनों की मांग पूरा करना कठिन हो जाएगा। सिंगल-कोर चिपों की सीमाओं को देख कर रिसर्चर अब ऊर्जा और जगह बचाने के लिए मल्टी-कोर चिपों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इन चिपों से ऑटो निर्माता कारों के अंदर ज्यादा सुरक्षा के उपाय कर सकेंगे। इंटेल के अधिकारियों का कहना है कि आज नवीनतम फीचर सिर्फ नई कार में ही मिल सकते हैं, लेकिन भविष्य में ऑटो निर्माता ऐसी कारें बाजार में प्रस्तुत करेंगे, जिनमें किसी भी समय नए सॉफ्टवेयर अथवा एप्लीकेशंस को लोड किया जा सकेगा।
लेखक मुकुल व्यास स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं
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