Menu
blogid : 5736 postid : 6453

बहुसदस्यीय कैग का करें स्वागत

जागरण मेहमान कोना
जागरण मेहमान कोना
  • 1877 Posts
  • 341 Comments

लगता है कांग्रेस सरकार 1993 की तरह इतिहास दोहराने जा रही है। वह एक और संवैधानिक संस्था को बहुसदस्यीय बनाने की तैयारी में है। पिछली बार विपक्ष के दबाव की मजबूरी थी। संयोगवश तत्कालीन प्रधानमंत्री को भी विपक्ष और मीडिया मौनी बाबा कहता था। आज के प्रधानमंत्री को भी इसी उपाधि से नवाजा जा रहा है। 1993 में चुनाव आयोग को बहुसदस्यीय बनाने की विपक्ष ने मांग रखी थी। तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की अति सक्रियता इसकी वजह बनी थी। तब विपक्ष शेषन से नाराज था और उसे शेषन से बचाव चुनाव आयोग को बहुसदस्यीय बनाने में ही नजर आता था। इस बार हालात बदले हुए हैं। मौजूदा कैग विनोद राय से विपक्ष को नहीं, सरकार को परेशानी हो रही है। 2जी घोटाले से लेकर कोयला खदान आवंटन तक की रिपोर्ट सरकार स्वीकार नहीं कर पा रही है। संसद के प्रति कैग की जवाबदेही से ही संभव हो पाया है कि वह सरकारी निधि की बंदरबांट और लूट-खसोट पर सवाल उठा पाता है। यह बात और है कि विपक्ष में रहते हुए उसे कैग की रिपोटर्ें बेहतर लगती हैं। जैसे ही वे सत्ता में आते हैं, कैग उन्हें काम में दखलअंदाजी करने वाला लगने लगता है। अन्यथा याद कीजिए राजग सरकार को। करगिल युद्ध के शहीदों को उनके घरों तक पहंुचाने के लिए जो ताबूत खरीदे गए थे, उन पर सवाल तब के कैग ने ही उठाए थे। तब कैग की रिपोर्ट को ही आधार बनाकर कांग्रेस सरकार पर सवाल उठा रही थी।


Read:केजरीवाल की बड़ी कामयाबी


अब वही कांग्रेस पार्टी सरकार में है और उसे कैग से परेशानी हो रही है। सरकार को लगता है कि कैग को बहुसदस्यीय बना देने से विनोद राय जैसे अफसरों को काबू में किया जा सकेगा और उनकी अतिसक्रियता पर लगाम लगाई जा सकेगी। सरकार को चुनाव आयोग से भी सबक लेना चाहिए। शेषन पर काबू पाने के लिए चुनाव आयोग को बहुसदस्यीय बनाया गया। आयोग के दूसरे सदस्यों ने भी अपनी संवैधानिक ताकत पहचानी और भारत का चुनाव परिदृश्य ही बदल गया। क्या मालूम सरकार का यह कदम उसी तरह से भ्रष्टाचार रोकने का कारगर हथियार बन जाए? एक बार ताकत का अहसास होने पर शायद ही कोई कैग होगा, जो सरकार के इशारे पर काम करना पसंद करेगा। ऐसे में सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए।


लेखक उमेश चतुर्वेदी स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं


Read:सरकार की प्राथमिकता बने वैश्विक हिंदी


Tags:Congress, Manish Tiwari, CAG,Arvind Kejriwal, Politics, Sonia Gandhi, Prime Minister Manmohan Singh, Manmohan Singh, Rahul Gandhi,  Anna Hazare, , , , Reliance, अरविंद केजरीवाल, , भाजपा , नितिन गडकरी,  सोनिया गांधी,   कांग्रेस, भ्रष्टाचार ,  प्रंशात भूषण, , मनमोहन सिंह, कॉरपोरेट

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh